Lok Sabha passed a bill called F.C.R.A |
Foreign Contribution (Regulation) Act
लोक सभा द्वारा बिना किसी बहस के Foreign Contribution (Regulation) Act (F.C.R.A) विधेयक में संशोधन पारित किया है. यह एक्ट के तहत अब राजनितिक पार्टियों को साल 1976 से अब तक मिले विदेशी चंदे की जांच नहीं हो सकेगी.
मोदी सरकार द्वारा वित्त विधेयक (2016) में सुधर किया गया ताकि पार्टियों को विदेशी धन जमा करने में आसानी हो.
Foreign Contribution (Regulation) Act (F.C.R.A) क्या है?
F.C.R.A-2010 को वर्ष 1976 में पास किया गया था. ये विधेयक भारतीय कंपनियों या विदेशी कंपनियों (जो रजिस्टर्ड है) को राजनीतिक पार्टियों को चंदा देने से रोकता था. परन्तु इसको बाद में निरस्त कर दिया गया था.
सरकार ने वित्त अधिनियम 2016, की परिभाषा को ये कहते हुए बदल दिया कि जिस कंपनी के पास 50 प्रतिशत से भी कम विदेशी कैपिटल होगी तो उसे विदेशी कंपनी का दर्जा नहीं दिया जायगा. और यह संशोधन 2010 से प्रभाव में आया.
प्रभाव
- 1976 से अब तक पार्टियों को मिलने वाले चंदे की किसी भी प्रकार की कोई जांच नहीं हो सकती है.
- अब सभी पार्टियां आसानी से विदेशो से चंदा ले सकती है.
- इस संशोधन से से BJP और Congress पार्टी को 2014 में दिल्ली उच्च न्यायालय ने F.C.R.A के उल्लंघन के दोषी करार दिया गया था. अब इस संशोधन से दोनों पार्टियों को रहत मिल जायगी.
- और इसके साथ साथ विभिन्न पार्टियों को मिलने वाले चंदे पर भी किसी प्रकार की कोई जांच नहीं होगी.