संविधान सभा की पृष्ठभूमि


भारतीय  संविधान का निर्माण एक संविधान  सभा द्वारा हुआ है. महात्मा गाँधी ने 1922 में स्वराज्य का अर्थ समझाते हुए यह संकेत दिया था कि भारत के लिए भारतीय ही संविधान बनायंगे. 1929 के लाहौर अधिवेशन में कांग्रेस ने पूर्ण स्वराज्य का प्रस्ताव पारित किया था. सर्प्रथम 1934 में संविधान सभा के निर्माण की मांग की गयी. स्वराज  पार्टी ने मई 1934 में तथा कांग्रेस ने 1936 में फैजपुर अधिवेशन में इस मांग को दोहराया. 1942 के क्रिप्स प्रस्ताव में संविधान सभा ने संविधान निर्माण की मांग को स्वीकार किया.


संविधान सभा के निर्माण की प्रक्रिया 1946 के कैबिनेट मिशन प्लान में दी गयी तथा इसी के आधार पर जुलाई 1946 में संविधान सभा के चुनाव हुए. संविधान सभा में जनसँख्या के आधार पर ( लगभग एक मिलियन या दस लाख पर एक) प्रतिनिधि निर्धारित किये गये. चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व की एकल मत संक्रमण प्रणाली द्वारा हुए. देशी रियासतों से विचार करके प्रक्रिया निर्धारित की गयी प्रान्तों में मुस्लिम, सिख तथा साधारण चुनाव क्षेत्र बनाए गये. कुल सदस्य संख्या 389 रखी गयी जिसमे 292 प्रान्तों से निर्वाचित सदस्य, 93 देशी रियासतों से तथा 4 कमिश्नरी क्षेत्रो से निर्धारित किये गये.


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