धरोहर गोद लो योजना क्या है?-(Adopt a Heritage Scheme)

देश के एतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व के स्मारकों के रखरखाव पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए ''धरोहर गोद लो योजना" (Adopt a Heritage Scheme) का शुभारम्भ पर्यटन मंत्रालय द्वारा किया गया है. अनेक कंपनियां ने स्मारक गोद लेने की योजना में रूचि व्यक्त की. इस दिशा में विभिन्न कंपनियों से प्राप्त कुल 57 प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण कर आतिथ्य यात्रा व बैंकिंग क्षेत्र की सात कंपनियों को 'स्मारक मित्र' के रूप में पर्यटन मंत्रालय द्वारा चुना गया तथा 14 विभिन्न स्मारकों को 'धरोहर गोद लो योजना' के तहत स्मारक मित्र के लिए आशय पत्र (Letters of Intent) पर्यटन मंत्रालय द्वारा जारी किये गये. इन्हें यह आशय पत्र 25 अक्टूबर, 2017 को केंद्र सरकार के पर्यटन पर्व के अंतिम दिन प्रदान किये गए.

गोद लेने के लिए चयनित कंपनियों की सूची-(List of selected companies) 


गोद लेने के लिए चयनित 7 कंपनियों व उन्हें गोद दिए गये स्मारकों के नाम निम्नलिखित है-

  • दिल्ली में स्थित जंतर-मंतर  SBI Foundation को गोद दिया गया.
  • कोणार्क का सूर्य मंदिर, भुवनेश्वर का राजा रानी मंदिर, जयपुर और ओडिशा के रत्नागिरी स्मारक टी इंटरनेशनल लिमिटेड को गोद दिया गया.
  • कर्नाटक के हम्पी, जम्मू-कश्मीर के लेह पैलेस, दिल्ली का कुतुबमीनार, महाराष्ट्र की अजंता गुफा यात्रा ऑनलाइन प्राइवेट लिमिटेड को गोद दिया गया.
  • कोच्चि के मत्तानचेरी पैलेस संग्रहालय और दिल्ली का सफदरजंग मकबरा ट्रेवल कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया को गोद दिया गया.
  •  गंगोत्री मंदिर क्षेत्र और गोमुख तक के मार्ग और जम्मू-कश्मीर के माउंट स्टोककांगरी , लद्दाख एडवेंचर टूर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया को गोद दिया गया.
  • दिल्ली की अग्रसेन की बावड़ी स्पेशल हॉलीडेज ट्रेवल प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली के रोटरी क्लब को गोद दिया गया.
  • दिल्ली के पुराने किले को N.B.C.C को गोद दिया गया.
विश्व पर्यटन दिवस (27 सितम्बर, 2017) को राष्ट्रपति ने पर्यटन मंत्रालय की यह 'एक धरोहर गोद ले योजना' का शुभारम्भ किया था इसके बाद पर्यटन मंत्रालय ने निजी, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और कॉर्पोरेट जगत के व्यक्तियों को स्मारक स्थलों को गोद लेने और संरक्षण तथा विकास के माध्यम से स्मारकों और पर्यटन स्थलों को स्थाई बनाने का दायित्व निभाने के लिए आमंत्रित किया था. यह योजना संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सहयोग से पर्यटन मंत्रालय का प्रयास है. इसके जरिये देशभर के स्मारकों, धरोहरों और पर्यटन स्थलों को विकसित कर पर्यटक अनुकूल बनाने के लिए योजनाबद्ध और चरणबद्ध तरीके से पर्यटन सम्भावना तथा सांस्कृतिक महत्व को बढाना है.

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