संसद का विवरण
- भारत की केंद्रीय व्यवस्थापिका को संसद खा जाता है. भारतीय संसद के 3 अंग है - राष्ट्रपति, राज्यसभा और लोकसभा.
- संसद के ऊपरी या उच्च सदन को राज्य सभा तथा निम्न सदन को लोकसभा खा जाता है.
- भारतीय संसद के दोनों सदनों का विवरण नीचे विस्तार से दिया जा रहा है.
Rajdya Sabha (राज्य सभा)
- संविधान के अनुच्छेद 80 के अनुसार, राज्य सभा का गठन 250 सदस्यों द्वारा होता है. इनमे 12 सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नाम निर्देशित किये जाते है. इसे नामित सदस्य खा जाता है तथा शेष 238 का चुनाव राज्य तथा संघ राज्य क्षेत्रो की विधानसभाओं द्वारा किया जाता है.
- राज्य सभा का कभी विघटन नही होता, लेकिन इसके सदस्य 6 वर्ष के लिए चुने जाते है. जिनमे से एक तिहाई सदस्य हर 2 साल के बाद सेवानिवृत होता है.
- राज्यसभा पहली बार 3 अगस्त, 1952 को विधिवत गठित हुई थी.
- राज्य सभा का कोई सदस्य यदि सदन की अनुमति के बिना सदन से 60 दिनों से अधिक अनुपस्थित रहता है, तो सदन में उसका स्थान समाप्त हो सकता है.
- राज्य सभा के सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है.
- राज्य सभा का सदस्य होने के लिए योग्यता:-
- वह भारत का नागरिक हो.
- उसकी आयु सीमा 30 वर्ष या उससे अधिक हो.
- संसदीय विधि द्वारा निर्धारित सभी योग्यता रखता हो.
- राज्य सभा का अधिवेशन वर्ष में कम-से-कम दो बार राष्ट्रपति द्वारा बुलाया जाता है. संविधान में यह प्रावधान है कि राज्य सभा के दो अधिवेशनों के बीच 6 महीने से अधिक का अन्तराल नही हो सकता.
- राज्य सभा को यह अधिकार प्राप्त है कि वह संविधान के अनुच्छेद 249 के तहत राज्य सूची के किसी विषय को राष्ट्रीय महत्व का घोषित कर सके.
- केवल राज्य सभा को यह अधिकार प्राप्त है कि वह संविधान के अनुच्छेद 312 के तहत अखिल भारतीय सेवाओं का सृजन कर सके.
Lok Sabha (लोक सभा)
- अनुच्छेद 81 के अनुसार, लोक सभा का गठन 5 वर्ष के लिए किया जाता है. इसके सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 हो सकती है.
- लोकसभा के सदस्यों का चुनाव गुप्त मतदान के द्वारा व्यस्क मताधिकार (18 वर्ष) के आधार पर होता है.
- लोक सभा की सदस्यता के लिए अनिवार्य योग्यताएं निम्नलिखित है:-
- भारत का नागरिक हो,
- उसकी आयु 25 वर्ष या इससे अधिक हो,
- भारत सरकार अथवा किसी राज्य सरकार के अंतर्गत वह कोई लाभ के पद पर नही हो,
- वह पागल व दिवालिया न हो.
- प्रधानमंत्री के परामर्श के आधार पर राष्ट्रपति के द्वारा लोक सभा को समय से पहले भी भंग किया जा सकता है.
- आपातकाल की घोषणा लागु होने पर विधि द्वारा संसद लोक सभा के कार्यकाल में वृद्धि कर सकती है, जो एक बार में एक वर्ष से अधिक नही होगी.
- लोक सभा की दो बैठको में 6 महीनो से अधिक का अंतराल नही होना चाहिए.
- संविधान के अनुच्छेद 108 में संसद के संयुक्त अधिवेशन की व्यवस्था है. संयुक्त अधिवेशन की अध्यक्षता लोक सभा का अध्यक्ष करता है.
- धन विधेयक के सम्बन्ध में लोक सभा का निर्णय अंतिम होता है. इस सम्बन्ध में संयुक्त अधिवेशन की व्यवस्था नही है.
- संविधान के अनुच्छेद 93 के अनुसार, लोक सभा स्वयं ही अपने सदस्यों में से एक अध्यक्ष और एक उपाध्यक्ष की निर्वाचन करेगी.
- प्रथम लोक सभा अध्यक्ष G. V. Mavlankar थे.
- किसी संसद सदस्य की योग्यता अथवा अयोग्यता से सम्बंधित प्रश्न का अंतिम विनिश्चय चुनाव आयोग की सलाह से राष्ट्रपति करता है.
- यदि कोई सदस्य सदन की अनुमति के बिना 60 दिनों की अवधि से अधिक समय के लिए सदन के सभी बैठको से अनुपस्थित रहता है. तो सदन उसकी सदस्यता समाप्त कर सकता है.
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