एशिया-अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर का अर्थ तथा इससे भारत का क्या फायदा होगा?
एशिया-अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर क्या है?
'एशिया-अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर' (Asia Africa Growth Corridor) भारत एवं जापान के बीच आर्थिक सहयोग है. एशिया-अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर का विचार सर्वप्रथम उस समय सामने आया जब नवम्बर 2016 में भारतीय प्रधानमन्त्री एवं जापानी प्रधानमंत्री द्वारा 'संयुक्त घोषणा पत्र' जारी किया गया.'एशिया-अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर' के सम्बन्ध में आगे की प्रगति 25 मई, 2017 को देखने को मिली जब गुजरात में सम्पन्न अफ्रीकी विकास बैंक की बैठक के दौरान भारत द्वारा एशिया-अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर पर एक विज़न दस्तावेज पेश किया गया.
'एशिया-अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर' कनेक्टिविटी तथा आधारभूत संरचना को मजबूत बनाने कितना सहायक ?
एशिया-अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर कनेक्टिविटी तथा आधारभूत संरचना को मजबूत बनाने में निम्न रूप से सहायक होगा-- एशिया-अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर के अंतर्गत अफ्रीकी देशो को भारत से तथा भारत को दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशो से जोड़ते हुए जापान से संयुक्त किया जायगा.
- यह 'One Belt One Road' परियोजना के विपरीत होगा, क्योकि 'One Belt One Road' परियोजना में जहाँ सड़क मार्ग एवं समुद्री सिल्क रोड का विकास किया जायगा, वहीँ एशिया-अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर एक समुद्र आधारित कॉरिडोर होगा.
- एशिया-अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर 4 प्रमुख आधारभूत तत्वों को अपने भीतर समाहित करता है. पहला, विकास एवं सहयोग परियोजनाये; दूसरा, गुणवत्तापूर्ण संरचना एवं संस्थागत जुड़ाव; तीसरा, जनाधारित भागीदारी तथा चौथा, क्षमता एवं कौशल वृद्धि.
- इस प्रकार एशिया-अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर न केवल कनेक्टिविटी को बढानें और आधारभूत संरचना को सशक्त बनाने की रूपरेखा को समाहित करता है.
- 'एशिया-अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर' के तहत एशिया अपने विकास मॉडल को अति पिछड़े अफ्रीका से साझा कर सकता है. जिससे अफ्रीका भी तीव्र विकास की राह पर अग्रसर हो सकता है.
एशिया-अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर की भारत के विकास में भूमिका-
- 'एशिया-अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर' के तहत अफ्रीका के जिबूती को गुजरात के जामनगर से जोड़ा जाएगा तथा कोलकाता को म्यांमार के सित्तवे बंदरगाह से जोड़ा जाएगा. इस प्रकार भारत एशिया-अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर के बीचोबीच स्थित होगा.
- भारत की हिन्द महासागर में विशेष स्थिति उसे महत्वपूर्ण रूप से लाभ पहुचाएगी क्योकि वह अफ्रीकी देशो के साथ-साथ दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशो के बाजारों में सीधे पहुँच स्थापित कर सकेगा.
- सबसे बढ़कर, इससे भारत को निर्यात के लिए गन्तव्य स्थल प्राप्त होंगे तथा 'मेक इन इंडिया' मिशन को प्रोत्साहन प्राप्त होगा.
अंत में कुल मिलाकर सार यह है कि 'एशिया-अफ्रीका ग्रोथ कॉरिडोर' सिर्फ आधारभूत संरचना को मजबूत बनाएगा बल्कि यह भारत सहित अधिकाँश एशियाई-अफ्रीकी देशो के समग्र विकास को भी सुनिश्चित करेगा.
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